
एकांत
अल्जीरिया | |
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2381741km² | |
+ | |
40263711 | |
16.9 / km² |
1964 में अल्जीरिया ने पहली बार ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया, और तब से 1976 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक बहिष्कार के अलावा, हर ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में भाग लिया है अल्जीरिया ने एथलीटों को तीन मौकों पर शीतकालीन ओलंपिक खेलों में भी भेजा है। अल्जीरिया के लिए राष्ट्रीय ओलंपिक समिति Comité Olympique Algérien (अल्जीरियाई ओलंपिक समिति) है, जो 1963 में स्थापित हुई थी। अल्जीरिया ने 1964 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में जिमनास्ट मोहम्मद लखारी के साथ पहली बार ओलिंपिक खेलों में भाग लिया। अल्जीरिया ने 1976 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के कारण आईओसी के उन देशों पर प्रतिबंध लगाने के कारण ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलना शुरू कर दिया था जो अपनी रंगभेद नीतियों के बीच दक्षिण अफ्रीका में भाग लिया था। अफ्रीका में लगभग हर देश बहिष्कार में भाग लिया। 1964 से ही दक्षिण अफ्रीका को ओलंपिक से प्रतिबंधित कर दिया गया था। 1980 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में अल्जीरिया ने फुटबॉल और हैंडबाल दोनों में प्रतिस्पर्धा करते हुए, एक टीम के खेल में पहली बार भाग लिया। उनका पहला पदक 1984 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में आया, जहां मुस्तफा मुसा और मोहम्मद ज़ौई ने मुक्केबाजी में कांस्य पदक जीते।
स्रोत: Wikipediaतुर्कमेनिस्तान | |
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469930km² | |
+ | |
5110023 | |
10.9 / km² |
तुर्कमेनिस्तान (तुर्कमेनिया के नाम से भी जाना जाता है) मध्य एशिया में स्थित एक तुर्किक देश है। १९९१ तक तुर्कमेन सोवियत समाजवादी गणराज्य (तुर्कमेन SSR) के रूप में यह सोवियत संघ का एक घटक गणतंत्र था। इसकी सीमा दक्षिण पूर्व में अफ़ग़ानिस्तान, दक्षिण पश्चिम में ईरान, उत्तर पूर्व में उज़्बेकिस्तान, उत्तर पश्चिम में कज़ाख़िस्तान और पश्चिम में कैस्पियन सागर से मिलती है। 'तुर्कमेनिस्तान' नाम फारसी से आया है, जिसका अर्थ है, 'तुर्कों की भूमि'। देश की राजधानी अश्गाबात (अश्क़ाबाद) है। इसका हल्के तौर पर "प्यार का शहर" या "शहर जिसको मोहब्बत ने बनाया" के रूप में अनुवाद होता है। यह अरबी के शब्द 'इश्क़' और फारसी प्रत्यय 'आबाद' से मिलकर बना है।तुर्कमेनिस्तान का धरातल बहुत ही विषम है। यहाँ पर पर्वत, पठार, मरूस्थल एवं मैदान सभी मिलते हैं परन्तु समुद्र से दूर होने के कारण यहाँ की जलवायु पर महाद्वीपीय प्रभाव है। पशु-पालन यहाँ का प्रधान व्यवसाय है। तुर्कमेनिस्तान में वर्षा की कमी के कारण प्राकृतिक वनस्पति की कमी है। तुर्कमेनिस्तान के ७०% क्षेत्रफल पर काराकुम रेगिस्तान फैला हुआ है। मरुस्थलीय भूमि की अधिकता होने के कारण यहाँ के अधिकांश भागों में शुष्क मरुस्थलीय कँटीली झाड़ियाँ मिलती हैं।
स्रोत: Wikipedia