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अल्जीरिया vs. इटली -
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अल्जीरिया vs इटली


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अल्जीरिया

2381741km²
+
40263711
16.9 / km²

जानकारी

1964 में अल्जीरिया ने पहली बार ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया, और तब से 1976 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक बहिष्कार के अलावा, हर ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में भाग लिया है अल्जीरिया ने एथलीटों को तीन मौकों पर शीतकालीन ओलंपिक खेलों में भी भेजा है। अल्जीरिया के लिए राष्ट्रीय ओलंपिक समिति Comité Olympique Algérien (अल्जीरियाई ओलंपिक समिति) है, जो 1963 में स्थापित हुई थी। अल्जीरिया ने 1964 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में जिमनास्ट मोहम्मद लखारी के साथ पहली बार ओलिंपिक खेलों में भाग लिया। अल्जीरिया ने 1976 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के कारण आईओसी के उन देशों पर प्रतिबंध लगाने के कारण ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलना शुरू कर दिया था जो अपनी रंगभेद नीतियों के बीच दक्षिण अफ्रीका में भाग लिया था। अफ्रीका में लगभग हर देश बहिष्कार में भाग लिया। 1964 से ही दक्षिण अफ्रीका को ओलंपिक से प्रतिबंधित कर दिया गया था। 1980 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में अल्जीरिया ने फुटबॉल और हैंडबाल दोनों में प्रतिस्पर्धा करते हुए, एक टीम के खेल में पहली बार भाग लिया। उनका पहला पदक 1984 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में आया, जहां मुस्तफा मुसा और मोहम्मद ज़ौई ने मुक्केबाजी में कांस्य पदक जीते।

स्रोत: Wikipedia

इटली

294140km²
+
60665551
206.2 / km²

जानकारी

जोसेफ लुई लाग्रांज (Joseph Louis Lagrange, 1736 - 1813) फ्रांस के गणितज्ञ थे। इनका जन्म 25 जनवरी 1736 ई. को ट्यूरिन में हुआ। 17 वर्ष की अल्पायु में ये राजकीय सैनिक अकादमी में गणित के प्रोफेसर नियुक्त हुए। गणित एवं खगोल शास्त्र को इनकी देन अपूर्व है। खगोल शास्त्र में इन्होंने "चंद्र-मुक्ति-सिद्धांत" तथा "बृहस्पति के चार उपग्रह संबंधी सिद्धांत" की व्याख्या पर अनेक अन्वेषण किए। 1766 ई. में ये बर्लिन में गणित के प्रोफेसर नियुक्त हुए। तदुपरांत लाग्रांज ने समीकरणों एवं संख्याओं के सिद्धांतों पर अनेक खोजें कीं और द्विघातीय अनिर्णीत समीकरण का हल दिया (जो हिंदू गणितज्ञों के ही अनुरूप था), तृतीय वर्ण के सारणिकों का सूची स्तंभ संबंधी अन्वेषणों में खूब प्रयोग किया और विचरण करलन (जिसके आविष्कार का श्रेय आयलर के साथ इनको भी है) की सहायता से काल्पनिक-वेग-सिद्धांत से यंत्रविज्ञान की संपूर्ण पद्धतियों का निगमन किया। इनके अतिरिक्त इन्होंने संभाव्यता, परिमित अंतर, आरोह सितत भिन्नों और दीर्घवृत्तीय समकलों पर भी अनेक अन्वेषण किए। इनके प्रसिद्ध ग्रंथ "मेकानिक अनालितिक" (Theoric des fonctions analytiques, 1797 ई.), "लसों स्यूर न काल्क्युल दे फौंक्स्यों" (Lecons sur lecalcul des fonctions, 1801 ई.), रेजोल्यूस्यो देजोक्वास्यों न्यूमेरिक (Resolution des equations numeriques, 1798 ई.) और "नूवैल मेथौद पूर रेज़ूद्र लेजाक्वस्यों लितेराल पार ल मुअइयें द सेरि" (Nouvelle methode pour resoudre les equations litterales par le moyen des series, 1770 ई.) है। 10 अप्रैल 1813 ई. को पैरिस में इनका देहांत हो गया।

स्रोत: Wikipedia

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