
एकांत
अल्बानिया | |
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27398km² | |
+ | |
2876591 | |
105.0 / km² |
इसराइल | |
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20330km² | |
+ | |
7836300 | |
385.5 / km² |
भारत-इज़राइल सम्बन्ध, भारत तथा इज़राइल के मध्य द्विपक्षीय सम्बन्धों को दर्शाते हैं। 1992 तक भारत तथा इज़राइल के मध्य किसी प्रकार के सम्बन्ध नहीं रहे। इसके मुख्यतः दो कारण थे- पहला, भारत गुट निरपेक्ष राष्ट्र था जो की पूर्व सोवियत संघ का समर्थक था तथा दूसरे गुट निरपेक्ष राष्ट्रों की तरह इज़राइल को मान्यता नहीं देता था। दूसरा मुख्य कारण भारत फिलिस्तीन की स्वतन्त्रता का समर्थक रहा। यहाँ तक की 1947 में भारत ने संयुक्त राष्ट्र फिलिस्तीन (उन्स्कोप) नामक संगठन का निर्माण किया परन्तु 1989 में कश्मीर में विवाद तथा सोवियत संघ के पतन तथा पाकिस्तान के गैर-कानूनी घुसपैठ के चलते राजनितिक परिवेश में परिवर्तन आया और भारत ने अपनी सोच बदलते हुए इज़राइल के साथ सम्बन्धों को मजबूत करने पर जोर दिया और 1992 से नया दौर आरम्भ हुआ।भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पराजय के पश्चात भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आते ही भारत और इज़राइल के मध्य सहयोग बढ़ा और दोनों राजनितिक दलों की इस्लामी कट्टरपन्थ के प्रति एक जैसे मानसिकता होने के कारण से और मध्य पूर्व में यहूदी समर्थक नीति की वजह से भारत और इज़राइल के सम्बन्ध प्रगाढ़ हुए। आज इज़राइल, रूस के बाद भारत का सबसे बड़ा सैनिक सहायक और निर्यातक है।
स्रोत: Wikipedia