्टर्लिंग,(अंग्रेज़ी: Stirling; स्कॉट्स : Stirlin; गैलिक : Sruighlea) मध्य स्काॅटलैंड में स्थित एक एतिहासिक नगर है। २०११ की आधिकारिक जनगणना के अनुसार इसकी कुल जनसंख्या ९०,००० के करीब है। यह शहर स्टर्लिंग कासल और उसके मध्ययुगीन पुराने शहर के आसपास बसा है। यह स्टर्लिंग परिषद क्षेत्र का प्रशासनिक मुख्यालय एवं प्रमुख नगर है। पारम्परिक रूप से, यह स्टर्लिंगशायर काउण्टी का काउण्टी टाउन भी है। फ़ोर्थ नदी इसके पास से गुज़रती है, और यह उसके नदमुख से ३० मील, धारा-प्रतिकूल, स्थित है। यह स्काॅटलैंड के हाइलैंड्स् और लोऽलैंड्स् के बिलकुल सीमा पर स्थित है और इसे प्रायः "हाइलैण्ड्स के द्वार" एवं "हाइलैंण्स और लोऽलैंण्डस को साथ जोड़े रखने वाली कड़ी" के नाम से भी संबोधित किया जाता है।फ़ोर्थ के किनारे बसे होने एवं ऐतिहासिक तौर पर, फ़ोर्थ पर स्थित निकटतम् लांघाव होने के कारण यह वाइकिंग एवं रोमन समेत अनेक आक्रमणकारियों का आकर्षण रहा है। इन कई आक्रमणों की कहानियों में से एक कहानी "बीस्ट ऑफ़ स्टर्लिंग"(स्टर्लिंग का दानव) की है, जोकी एक भोड़िया था, जिसने हूंकार कर नगरवासियों को आ रहे वाइकिंग आक्रमणकारियों से सचेत कर दिया था।हमेशा से ही यह शहर, स्काॅटिश राजसत्ता के प्रमुख गढों रहे इस शहर को ११३० में राजा डेविड (प्रथम) द्वारा एक शाही बर्ग के रूप में घोशित किया गया था, जिस पद को १९७५ में हटा लिया गया। २००२ में इसे "नगर का पद" दे दिया गया था, जो अब भी है। किसी समय यह स्काॅटलैंड की राजधानी एवं स्काॅटिश राजशाही का गढ़ हुआ करता था। आज भी स्टर्लिंग कासल में उस युग की ईमारतों, जिनमें ग्रेट हाॅल व रेनेसा पैलस शामिल हैं, को देखा जा सकता है। चर्च ऑफ़ होली रूड यहाँ स्थित है, जहाँ २९ जुलाई १५६७ को राजा जेम्स शष्ठम् का राज्याभिशेख किया गया था
स्रोत: Wikipedia
ोपाल भारत देश में मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी है और भोपाल जिले का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। भोपाल को राजा भोज की नगरी तथा 'झीलों की नगरी' कहा जाता है क्योंकि यहाँ कई छोटे-बड़े ताल हैं। यह शहर अचानक सुर्ख़ियों में तब आ गया जब १९८४ में अमरीकी कंपनी, यूनियन कार्बाइड से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस के रिसाव से लगभग बीस हजार लोग मारे गये थे।
भोपाल में भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) का एक कारखाना है। हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र ने अपना दूसरा 'मास्टर कंट्रोल फ़ैसिलटी' स्थापित की है। भोपाल में ही भारतीय वन प्रबंधन संस्थान भी है जो भारत में वन प्रबंधन का एकमात्र संस्थान है। साथ ही भोपाल उन छह नगरों में से एक है जिनमे २००३ में भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान खोलने का निर्णय लिया गया था तथा वर्ष २०१५ से यह कार्यशील है। इसके अतिरिक्त यहाँ अनेक विश्वविद्यालय राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय,अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय,मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय,माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय,भारतीय राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय हैं। इसके अतिरिक्त अनेक राष्ट्रीय संस्थान जैसे मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल,भारतीय वन प्रबंधन संस्थान,भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान ,राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान इंजीनियरिंग महाविद्यालय, गाँधी चिकित्सा महाविद्यालय, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी तथा अनेक शासकीय एवं पब्लिक स्कूल हैं। भोपाल में कोलार, केरवा नदियां हैं। बेतवा नदी का उद्गम स्थल कोलार बांध के पास झिरी में है।
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