Javascript must be enabled to use all features of this site and to avoid misfunctions
Cabo de Santo Agostinho vs. Hyderabad -
HOME
:
शहरों
NEW

Advertising

Close
share
Cabo de Santo Agostinho
Hyderabad

Cabo de Santo Agostinho vs Hyderabad

Cabo de Santo Agostinho
Hyderabad

Cabo de Santo Agostinho

Pernambuco

Brazil
196152

Hyderabad

0

जानकारी





��ह लेख भारत के एक नगर के बारे में है, अन्य के लिये देखें हैदराबाद (बहुविकल्पी)। हैदराबाद (तेलुगु: హైదరాబాదు,उर्दू: حیدر آباد) भारत के राज्य तेलंगाना कि राजधानी है। इसका प्राचीन नाम भाग्यनगर रहा है जिस नाम का प्रयोग आज भी यहाँ के मूलनिवासीयो द्वारा किया जाता है। यह नगर दक्कन के पठार पर मूसी नदी के किनारे स्थित है। हैदराबाद शहर की आबादी 6.9 मिलियन है, हैदराबाद मेट्रोपॉलिटन रीजन में लगभग 9.7 मिलियन के साथ, यह भारत का चौथा सबसे अधिक आबादी वाला शहर है और भारत में छठा सबसे अधिक आबादी वाला शहरी समूह है। 74 बिलियन अमेरिकी डॉलर के उत्पादन के साथ, हैदराबाद भारत के समग्र सकल घरेलू उत्पाद में पांचवां सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। 1956 से, हैदराबाद शहर ने भारत के राष्ट्रपति के शीतकालीन कार्यालय को रखा है। 20वीं शताब्दी के दौरान दक्कन का पठार और पश्चिमी घाट के बीच हैदराबाद के केंद्रीय स्थान और औद्योगिकीकरण ने प्रमुख भारतीय अनुसंधान, विनिर्माण, शैक्षिक और वित्तीय संस्थानों को आकर्षित किया। 1990 के दशक के बाद से, शहर फार्मास्यूटिकल्स और जैव प्रौद्योगिकी के भारतीय केंद्र के रूप में उभरा है। सूचना प्रौद्योगिकी के लिए समर्पित विशेष आर्थिक क्षेत्रों और हाईटेक सिटी के गठन ने अग्रणी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को हैदराबाद में परिचालन स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया है। शहर में स्थित तेलुगु फिल्म उद्योग देश का दूसरा सबसे बड़ा चलचित्र चलचित्र निर्माता है। कहा जाता है कि किसी समय में इस ख़ूबसूरत शहर को क़ुतुबशाही परम्परा के पांचवें शासक मुहम्मद कुली क़ुतुबशाह ने अपनी प्रेमिका भागमती को उपहार स्वरूप भेंट किया था। हैदराबाद को 'निज़ाम का शहर' तथा 'मोतियों का शहर' भी कहा जाता है। यह भारत के सर्वाधिक विकसित नगरों में से एक है और भारत में सूचना प्रौधोगिकी एवं जैव प्रौद्यौगिकी का केन्द्र बनता जा रहा है। हुसैन सागर से विभाजित, हैदराबाद और सिकंदराबाद जुड़वां शहर हैं। हुसैन सागर का निर्माण सन १५६२ में इब्राहीम कुतुब शाह के शासन काल में हुआ था और यह एक मानव निर्मित झील है। चारमीनार, इस क्षेत्र में प्लेग महामारी के अंत की यादगार के तौर पर मुहम्मद कुली कुतुब शाह ने १५९१ में, शहर के बीचों बीच बनवाया था। गोलकुंडा के क़ुतुबशाही सुल्तानों द्वारा बसाया गया यह शहर ख़ूबसूरत इमारतों, निज़ामी शानो-शौक़त और लजीज खाने के कारण मशहूर है और भारत के मानचित्र पर एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में अपनी अलग अहमियत रखता है। निज़ामोन के इस शहर में आज भी हिन्दू-मुस्लिम सांप्रदायिक सौहार्द्र से एक-दूसरे के साथ रहकर उनकी खुशियों में शरीक होते हैं। अपने उन्नत इतिहास, संस्कृति, उत्तर तथा दक्षिण भारत के स्थापत्य के मौलिक संगम, तथा अपनी बहुभाषी संस्कृति के लिये भौगोलिक तथा सांस्कृतिक दोनों रूपों में जाना जाता है। यह वह स्थान रहा है जहां हिन्दू और मुसलमान शांतिपूर्वक शताब्दियों से साथ साथ रह रहे हैं। निजामी ठाठ-बाट के इस शहर का मुख्य आकर्षण चारमीनार, हुसैन सागर झील, बिड़ला मंदिर, सालार जंग संग्रहालय आदि है, जो देश-विदेश इस शहर को एक अलग पहचान देते हैं। यह भारतीय महानगर बंगलौर से 574 किलोमीटर दक्षिण में, मुंबई से 750 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में तथा चेन्नई से 700 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है। किसी समय नवाबी परम्परा के इस शहर में शाही हवेलियां और निज़ामों की संस्कृति के बीच हीरे जवाहरात का रंग उभर कर सामने आया तो कभी स्वादिष्ट नवाबी भोजन का स्वाद। इस शहर के ऐतिहासिक गोलकुंडा दुर्ग की प्रसिद्धि पार-द्वार तक पहुंची और इसे उत्तर भारत और दक्षिणांचल के बीच संवाद का अवसर सालाजार संग्रहालय तथा चारमीनार ने प्रदान किया है। भारत की जनगणना २०११ के अनुसार इस महानगर की जनसंख्या ६८ लाख से अधिक है।

स्रोत: Wikipedia

More intresting stuff